सर्किट ब्रेकर क्या है

Circuit Breaker in Stock Market से समबन्धित जानकारी

सभी देशो में शेयर मार्केट का विशेष महत्व होता है, शेयर मार्केट के अनुसार ही उस देश की अर्थ व्यवस्था पर फर्क पड़ता है | शेयर मार्केट में कुछ आपातकालीन समय में एक सर्किट ब्रेकर उत्पन्न होता है, ऐसा सर्किट ब्रेकर जैसे हम बिजली के लिए सुनते आते है, इसी प्रकार इसमें भी होता है | इस ब्रेकर के अनुसार शेयर मार्केट कुछ समय के लिए रुक जाती है | ऐसा ही विश्व में कोरोना वायरस की आपातकालीन स्थिति पैदा हो गई, जिसके कारण पूरे विश्व की शेयर मार्केट और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ता नजर आ रहा है | इस वजह से शेयर बाजार में होने वाले असामान्य उतार चढ़ाव पर लगाम लगाने के लिए सर्किट ब्रेकर का इस्तेमाल किया जाता है। सर्किट ब्रेकर शेयरों और इंडेक्स दोनों के लिए निर्धारित किये जाते है। यदि आप भी शेयर मार्केट में सर्किट ब्रेकर के बारे में जानना चाहते है तो यहाँ पर सर्किट ब्रेकर क्या है, What is Circuit Breaker in Stock Market (Hindi) इसके विषय में जानकारी प्रदान की जा रही है |

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शेयर मार्केट क्या है ये कैसे काम करता है

What is Circuit Breaker in Stock Market (Hindi)

शेयर मार्केट में सर्किट ब्रेकर (Circuit Breaker) मुख्यतः दो प्रकार के माने जाते हैं। पहला अपर सर्किट (Upper Circuit) होता है और दूसरा लोअर सर्किट (Lower Circuit) है। अपर सर्किट (Upper Circuit) का शेयर बाजार (share market) में तब इस्तेमाल किया जाता है जब यह एक तय सीमा से भी अधिक बढ़ जाता है। देश की सेबी संस्था ने अपर सर्किट (Upper Circuit) के इस्तेमाल हेतु 3 सीमाएं नियत की हैं। पहली सीमा 10 फीसदी है, दूसरी सीमा 15 फीसदी और तीसरी या अंतिम सीमा 20 फीसदी की तय की है। इसके अलावा जब शेयर मार्केट एक नियत सीमा से भी ज्यादा गिरावट आने लगती है तो ऐसी स्थिति में लोअर सर्किट (Lower Circuit) को लागू किया जाता है। सेबी (SEBI) ने इसके लिए भी तीन सीमायें निर्धारित की है पहली 10 फीसदी, दूसरी 15 फीसदी और अंतिम 20 फीसदी की रखी गई है |

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क्यों सर्किट ब्रेकर की पड़ी जरूरत (Circuit Breakers)

शेयर मार्केट के एक सीमा से ज्यादा बढ़ने या घटने पर सर्किट ब्रेकर (Circuit Breakers) लगाने की जरूरत पड़ी थी, जिसकी शुरुआत सेबी (SEBI) द्वारा 2001 में की गई थी। इसका मुख्य रूप से उदृदेश्य शेयर मार्केट में भारी उतार चढ़ाव पर लगाम लगाना है।

सर्किट ब्रेकर के लागू होने का नियम (Rule Of Circuit Breakers)

शेयर मार्केट (Share Market) में सर्किट ब्रेकर (Circuit Breakers) लागू करने का भी एक नियम होता है। अगर हम एनएसई इंडिया (NSE INDIA) की बेवसाइट के मुताबिक बात करे तो यदि दोपहर 1 बजे के पहले शेयर बाजार में 10 फीसदी तक बढ़ोत्तरी देखने को मिले या फिर शेयर बाजार इतने फ़ीसदी तक ही गिरावट देखने को मिले तो फिर सर्किट ब्रेकर (Circuit Breakers) के अंतर्गत अपर सर्किट (Upper Circuit) या लोअर सर्किट (Lower Circuit) का नियम लागू किया जाता है। ऐसी स्थिति में ट्रेडिंग को 45 मिनट के लिए रोका जा सकता है। लेकिन अगर 1 बजे के बाद 10 फीसदी तक बढ़ोतरी या गिरावट दर्ज होती है तो कारोबार को सिर्फ 15 मिनट के लिए ही रोका जाता है। इसी तरह 15 और 20 फीसदी के लिए भी नियम बनाये गए हैं। सर्किट ब्रेकर (circuit breakers) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए एनएसई की वेबसाइट पर https://www.nseindia.com/ जाकर प्राप्त कर सकते है

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यहाँ पर हमने आपको  Circuit Breaker in Stock Market के विषय में जानकारी दी है | और जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे पोर्टल kaiseinhindi.com पर विजिट करे |

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