कैसे बनाये स्नो एक्सपर्ट में कॅरियर
अधिकांश लोग पर्वत और चोटियों पर घूमना पसंद करते है, पर्वत और चोटियों पर बर्फ जमा रहती है, स्नो एक्सपर्ट के रूप में बर्फ के क्षेत्र में सर्वेक्षण किया जाता है, और भविष्य में हिमस्खलन और अन्य प्राकृतिक खतरों की सटीक जानकारी प्रदान करनी होती है, स्नो एक्सपर्ट के रूप में रोजगार सरकारी एजेंसियों और ट्रैवल एंड एडवेंचर टूरिज्म से जुड़ी कंपनियों के द्वारा प्रदान किया जाता है,यदि आपको सर्दियां और कड़ाके की ठंड़ अच्छी लगती है, तो स्नो एक्सपर्ट आपको कॅरियर बनाने के लिए एक अच्छा विकल्प है, इस पेज पर इसके बारे में विस्तार से बता रहे है |
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स्नो एक्सपर्ट का कार्य
एक स्नो एक्सपर्ट के रूप में स्नो फॉल और एक्यूमुलेशन पैटर्न के विषय में पढा़ई की जाती है, जिसके माध्यम से भविष्य में हिमस्खलन और अन्य प्राकृतिक खतरों की जानकारी बिलकुल सही प्राप्त हो सके, इसके साथ स्नो एक्सपर्ट से यह आशा की जाती है, कि वह ग्लेशियर और बर्फीली जगहों पर रिसर्च करे और उनके डाटा को एकत्रित करें, जिससे वैज्ञानिकों को ग्लोबल वॉर्मिंग की जाँच करने में सहायता मिल सके, विशेषज्ञों के लिए हिमस्खलन और ग्लेशियोलॉजिस्ट के रूप में बर्फ का अध्ययन करना एक विषय के रूप में है, इस समय ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण ग्लेशियरों के बड़े-बड़े बर्फ के टुकड़े टूटकर पिघल रहे है, जिससे सागर का जल स्तर में अत्यधिक वृद्धि हो रही है, ग्लेशियर की बर्फ का अध्ययन ग्लेशियोलॉजिस्ट के द्वारा किया जाता है, इसके साथ ही वातावरण में हुए बदलाव के कारण जलस्तर, चट्टान या अवसाद के सिकुड़ते या बढ़ने की जांच की जाती है |
प्राकृतिक आपदाओं में सहायता
ग्लेशियर के डाटा से विशषेज्ञ और स्नो वैज्ञानिकों को अत्यधिक सहायता प्राप्त होती है, जिससे वह समुद्र तल, सिकुड़ते ग्लेशियर की जाँच सही तरीके से कर सकते हैं, विशषेज्ञ बर्फ का विश्लेषण उसके गुण और व्यवहार के माध्यम से करते है, इस प्रयोग के द्वारा प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी करने में सहायता प्राप्त होती है |
प्रवेश प्रक्रिया
अभ्यर्थी को बारवीं की परीक्षा विज्ञान वर्ग में उत्तीर्ण करना अनिवार्य है, इसके बाद आप बीएससी या एमएससी को फिजिक्स या मैथेमैटिक्स विषय के साथ उत्तीर्ण करना होता है, इसके पश्चात आप इसके कोर्स में प्रवेश प्राप्त कर सकते है, इस कोर्स में आप फिजिकल/ बायोलॉजी/ कैमिककल और पृथ्वी व पर्यावरण विज्ञान में डिग्री प्राप्त कर सकते है, इस विषय में पीएचडी करने के उपरांत अभ्यर्थी को उच्च पद पर कार्य करने का अवसर प्राप्त होता है, इस क्षेत्र में फिजिकल/ एनवायरनमेंट साइंस में मास्टर डिग्री के उपरांत भी प्रवेश प्राप्त कर सकते है, ग्लेशियोलॉजिस्ट बनने के लिए व्यक्ति के अन्दर प्रकृति प्रेम के साथ फिजिकली रूप से मजबूत होने की आवश्यकता है |
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रोजगार के अवसर
रिसर्च इंस्टीट्यूट, पेट्रोलियम और माइंनिग कंपनी, जियोलॉजी और इंजीनियरिंग फर्म में आप स्नो साइंटिस्ट ग्लेशियोलॉजिस्ट और हिमस्खलन विशेषज्ञ के रूप में कार्य कर सकते है, इसके अतिरिक्त आप कंसल्टिंग कंपनी, सरकारी व शैक्षिणिक संस्थानों कंसल्टिंग कंपनी, सरकारी व शैक्षिणिक संस्थानों में भी कार्य कर सकते हैं |
प्रमुख संस्थान
वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालया जियोलॉजी, देहरादून (www.wihg.res.in)|
जवाहर लाल यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली (www.jnu.ac.in)|
डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (www.drdo.org)|
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (www.tifr.res.in)|
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