ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्बन्धित जानकारी (All About Jnanpith Award)
ज्ञानपीठ पुरस्कार वह पुरस्कार होता है, जो किसी बड़े लेखक को प्रदान किया जाता है| यह पुरस्कार लेखकों का मनोबल बढ़ाने के लिए प्रदान किया जाता है, ताकि वो इस पुरस्कार को प्राप्त करके पुरस्कृत सूची में अपना नाम दर्ज कर लें और उत्साह के साथ इसी तरह के और भी कई पुरस्कार प्राप्त करे | इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले लेखक बहुत ही महान होते है | यह पुरस्कार भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाल सर्वोच्च पुरस्कार होता हैं | ज्ञानपीठ पुरस्कार की शुरुआत 1965 में की गई थी | इसकी शुरुआत भारतीय ज्ञानपीठ के संस्थापक श्री साहू शांति प्रसाद जैन के पचासवें जन्म दिवस पर की गई थी | यदि आप भी ज्ञानपीठ पुरस्कार के विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको ज्ञानपीठ पुरस्कार (Jnanpith Award) क्या है, किसे दिया जाता है, इतिहास और राशि की जानकारी प्रदान की जा रही है |
अर्जुन पुरस्कार (Arjuna Award) क्या है
ज्ञानपीठ पुरस्कार (Jnanpith Award)
लेखकों को दिया जाने वाले पुरस्कार को ज्ञानपीठ पुरस्कार कहा जाता है | यह पुरस्कार भारतीय साहित्य के लिए प्रदान किया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार कहलाता है | लेखक को पुरस्कार के साथ-साथ ग्यारह लाख रुपये की धनराशि भी प्रदान की जाती है और साथ ही में , प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा प्रदान की जाती है |
ज्ञानपीठ पुरस्कार किसे दिया जाता है?
यह पुरस्कार उस लेखक को प्रदान किया जाता है, जो आठवीं अनुसूची में बताई गई 22 भाषाओं में से किसी भाषा में लिखता हो | उस भारतीय नागरिक को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है | इससे पहले जब 1965 में इस पुरस्कार की शुरुआत की गई थी, तो भारतीय नागरिक को इस पुरस्कार में 1 लाख रुपये की ही धनराशि दी जाती थी | इसके बाद 2005 में इस राशि को बढ़ाकर 7 लाख रुपए कर दिया गया था |
ज्ञानपीठ पुरस्कार की राशि
भारतीय नागरिक को ज्ञानपीठ पुरस्कार के साथ-साथ ग्यारह लाख रुपये की धनराशि भी प्राप्त होती है | इसके अलावा प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा भी प्रदान की जाती है, लेकिन पहले इस धनराशि की कीमत कम थी क्योंकि, 2005 में हिन्दी साहित्यकार कुंवर नारायण को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और जिन्हें 7 लाख रुपए की धनराशि प्रदान की गई थी| अब वर्तमान समय में इस राशि को बढ़ाकर ग्यारह लाख रुपये कर दिया गया है |
ज्ञानपीठ पुरस्कार का इतिहास
22 मई 1961 को भारतीय ज्ञानपीठ के संस्थापक श्री साहू शांति प्रसाद जैन का पन्चासवां जन्मदिन था | उनके इस जन्मदिन के अवसर पर ही उनके परिवार के सदस्यों के मन में ज्ञानपीठ पुरस्कार की शुरुआत करने का विचार आया था | इसके बाद इस पुरस्कार की शुरुआत करने के लिए 2 अप्रैल 1962 को दिल्ली में भारतीय ज्ञानपीठ और टाइम्स ऑफ़ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में देश की सभी भाषाओं के 300 मूर्धन्य विद्वानों ने मिलकर इस विषय पर विचार- विमर्श किया। इसके बाद 1965 में पहले ज्ञानपीठ पुरस्कार को प्रदान करने का फैसला लिया गया था |
मैन बुकर पुरस्कार (Booker Prize) क्या है
ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेताओं की सूची
वर्ष | लेखक | भाषा |
1965 |
जी शंकर कुरुप |
मलयालम |
1966 |
ताराशंकर बंधोपाध्याय |
बांग्ला |
1967 |
के.वी. पुत्तपा |
कन्नड़ |
1967 |
उमाशंकर जोशी |
गुजराती |
1968 |
सुमित्रानंदन पंत |
हिन्दी |
1969 |
फ़िराक गोरखपुरी |
उर्दू |
1970 |
विश्वनाथ सत्यनारायण |
तेलुगु |
1971 |
विष्णु डे |
बांग्ला |
1972 |
रामधारी सिंह दिनकर |
हिन्दी |
1973 |
दत्तात्रेय रामचंद्र बेन्द्रे |
कन्नड़ |
1973 |
गोपीनाथ महान्ती |
उड़िया |
1974 |
विष्णु सखाराम खांडेकर |
मराठी |
1975 |
पी.वी. अकिलानंदम |
तमिल |
1976 |
आशापूर्णा देवी |
बांग्ला |
1977 |
के. शिवराम कारंत |
कन्नड़ |
1978 |
अज्ञेय |
हिन्दी |
1979 |
बिरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य |
असमिया |
1980 |
एस.के. पोत्ताकट |
मलयालम |
1981 |
अमृता प्रीतम |
पंजाबी |
1982 |
महादेवी वर्मा |
हिन्दी |
1983 |
मस्ती वेंकटेश अयंगार |
कन्नड़ |
1984 |
तकाजी शिवशंकरा पिल्लै |
मलयालम |
1985 |
पन्नालाल पटेल |
गुजराती |
1986 |
सच्चिदानंद राउतराय |
ओड़िया |
1987 |
विष्णु वामन शिरवाडकर कुसुमाग्रज |
मराठी |
1988 |
डॉ॰सी नारायण रेड्डी |
तेलुगु |
1989 |
कुर्तुलएन हैदर |
उर्दू |
1990 |
वी.के.गोकक |
कन्नड़ |
1991 |
सुभाष मुखोपाध्याय |
बांग्ला |
1992 |
नरेश मेहता |
हिन्दी |
1993 |
सीताकांत महापात्र |
ओड़िया |
1994 |
यू.आर. अनंतमूर्ति |
कन्नड़ |
1995 |
एम.टी. वासुदेव नायर |
मलयालम |
1996 |
महाश्वेता देवी |
बांग्ला |
1997 |
अली सरदार जाफरी |
उर्दू |
1998 |
गिरीश कर्नाड |
कन्नड़ |
1999 |
निर्मल वर्मा |
हिन्दी |
1999 |
गुरदयाल सिंह |
पंजाबी |
2000 |
इंदिरा गोस्वामी |
असमिया |
2001 |
राजेन्द्र केशवलाल शाह |
गुजराती |
2002 |
दण्डपाणी जयकान्तन |
तमिल |
2003 |
विंदा करंदीकर |
मराठी |
2004 |
रहमान राही |
कश्मीरी |
2005 |
कुँवर नारायण |
हिन्दी |
2006 |
रवीन्द्र केलकर |
कोंकणी |
2006 |
सत्यव्रत शास्त्री |
संस्कृत |
2007 |
ओ.एन.वी. कुरुप |
मलयालम |
2008 |
अखलाक मुहम्मद खान शहरयार |
उर्दू |
2009 |
अमरकान्त व श्रीलाल शुक्ल को संयुक्त रूप से दिया गया |
हिन्दी |
2010 |
चन्द्रशेखर कम्बार |
कन्नड |
2011 |
प्रतिभा राय |
ओड़िया |
2012 |
रावुरी भारद्वाज |
तेलुगू |
2013 |
केदारनाथ सिंह |
हिन्दी |
2014 |
भालचंद्र नेमाडे |
मराठी |
2015 |
रघुवीर चौधरी |
गुजराती |
2016 |
शंखा घोष |
बंगाली |
2017 |
कृष्णा सोबती |
हिन्दी |
2018 |
अमिताव घोष |
अंग्रेजी |
यहाँ पर हमने आपको ज्ञानपीठ पुरस्कार के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई है | यदि इस जानकारी से रिलेटेड आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न या विचार आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है | अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे पोर्टल kaiseinhindi.com पर विजिट करते रहे |