सुप्रीम कोर्ट के जज कैसे बनते हैं

सुप्रीम कोर्ट के जज बननें की प्रक्रिया  

भारत में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा होती है, राष्ट्रपति अपनी मंत्री परिषद की सलाह पर न्यायाधीश की नियुक्ति की जाती है, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति में राष्ट्रपति उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों से परामर्श प्राप्त करते है, भारतीय न्यायपालिका पूरी तरह से स्वतंत्र है, न्यायाधीशों का एक बार चयन होनें के बाद केवल उनको महाभियोग के द्वारा ही हटाया जा सकता है, सुप्रीम कोर्ट के जज कैसे बनते है ? इसके बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहे है |

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सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति प्रक्रिया

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति के विषय में बताया गया है, इस अनुच्छेद के अंतर्गत “राष्ट्रपति उच्चतम न्यायालय के और राज्यों के उच्च न्यायालयों के ऐसे न्यायाधीशों से, जिनसे परामर्श करना वह आवश्यक समझे, परामर्श करनें के पश्चात् उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति करेगा.”, सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीश की नियुक्ति में मुख्य न्यायाधीश का परामर्श राष्ट्रपति  द्वारा लिया जाएगा |

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भारतीय सविंधान सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए कोई अलग से प्रावधान नहीं किया गया है, इसलिए सर्वोच्च न्यायालय में वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है |

न्यायाधीश का कार्य

न्यायाधीश अदालत की सभी कार्यवाही का संचालन करता है, न्यायाधीश सदैव अपनें कार्यक्षेत्र के अंतर्गत ही निर्णय देते है, न्यायाधीश के पास प्रशासनिक शक्ति होती है, जन हित के विषय में वह स्वत: संज्ञान लेकर कार्यवाही कर सकता है, न्यायाधीश की राज्य एवं केंद्रीय विषय, संवैधानिक मामलों को हल करने की अहम् भूमिका होती, न्यायाधीश निर्णय देते समय सबूत, गवाहों, अभियोजक  और प्रतिवादी द्वारा तर्कों के आधार पर करते है |

सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या

सर्वोच्च न्यायालय में कुल 31  न्यायाधीशों की नियुक्ति होती है, जिसमें एक मुख्य न्यायाधीश और 30 अन्य न्यायाधीश है |

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कॉलेजियम की भूमिका

किसी भी जज की नियुक्ति के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश का परामर्श कॉलेजियम के अन्य चार वरिष्ठ जजो के परामर्श से प्रभावित होती है, मुख्य न्यायाधीश की सिफारिश के बाद यह सिफारिश कानून मंत्रालय जाती है, इसके बाद वह सिफारिश कानून मंत्रालय और न्यायविभाग के माध्यम से प्रधानमंत्री के पास पहुँचती है, प्रधानमंत्री इसमें अपनी राय का समावेश कर के उसको राष्ट्रपति के पास भेजते है, राष्ट्रपति की स्वीकृति के पश्चात् इसकी घोषणा न्याय विभाग के सचिव द्वारा की जाती है, इसके बाद अधिसूचना जारी की जाती है | नियुक्ति होनें के लिए सम्बंधित न्यायाधीश को अपना स्वास्थ्य प्रमाण पत्र देना होता है, इसके उपरांत जज को नियुक्ति दे दी जाती है, और अब जज को केवल संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित अभियोग के माध्यम से ही हटाया जा सकता है |

भारतीय सविधान द्वारा अनुच्छेद 143 के अनुसार राष्ट्रीय हित से राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श मांग सकता है, परन्तु उस परामर्श को वह माननें के लिए बाध्य नहीं है |

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