वित्त आयोग (Finance Commission) क्या है

वित्त आयोग (Finance Commission)

भारतीय वित्त आयोग का गठन राष्‍ट्रपति द्वारा भारतीय संविधान के आर्टिकल 280 के तहत 1951 में किया गया | इस आयोग का निर्माण केंद्र और राज्‍य के बीच वित्तीय संबंधों को परिभाषित करने हेतु किया गया था |  वित्त आयोग प्रत्येक पांच सालों में नियुक्त किया जाता है | अभी तक कुल 15 वित्त आयोगों को नियुक्त किया जा चुका हैं। वित्त आयोग का अधिकतम कार्यकाल 5 वर्ष का होता है | यदि आप भी जानना चाहते है, वित्त आयोग क्या है इसके कार्य क्या होते है इसका अध्यक्ष कौन है, तो इसकी जानकार यहां पर दी जा रही है |

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वित्त आयोग की संरचना और गठन

आर्टिकल 280 (1) के अंतर्गत उपबंध है कि वित्त आयोग राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किये जाने वाले एक अध्यक्ष और चार अन्य सदस्यों से मिलकर ही बनाये जाने का प्रावधान दिया गया है | आर्टिकल 280  (2) के तहत संसद को यह शक्ति प्रदान की गई है कि वित्त आयोग का निर्धारण करेगी | इस तरह से वित्त आयोग का गठन किया जाता है |

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वित्त आयोग का अध्यक्ष कौन होता है

केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी से वित्त आयोग के अध्यक्ष का चुनाव किया जाता है | जिसका कार्यकाल 5 वर्ष का होता है| प्रथम वित्त आयोग का अध्यक्ष के.सी. नियोगी को चुना गया था, और  15वे वित्त आयोग के अध्यक्ष के रूप में 27 नवम्बर, 2017 को श्री एन.के. सिंह को चुना गया, जिनका कार्यकाल 2025 तक होगा |

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15वें वित्त आयोग के अन्य चार सदस्य

  1. शक्तिकांत दास
  2. डॉ. अनूप सिंह
  3. डॉ. अशोक लाहिड़ी (अशंकालिक)
  4. डॉ. रमेश चंद्र (अंशकालिक)

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वित्त आयोग के कार्य

वित्त आयोग को देश की व्यवस्था के लिए बहुत से कार्य सौंपे गए, जिनका विवरण इस प्रकार है-

  • देश के राष्ट्रपति को यह Recommendation करना कि संघ एवं राज्यों के बीच Tax की शुद्ध प्राप्तियों को कैसे वितरित किया जाना चाहिए और राज्यों के मध्य कैसे बजट का आवंटन किया जाये।
  • आर्टिकल 275 के अंतर्गत राज्यों को संचित निधि में से अनुदान/सहायता प्रदान की जानी चाहिये।
  • राज्य वित्त आयोग के द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर पंचायतों एवं नगरपालिकाओं के संसाधनों की आपूर्ति हेतु राज्य की संचित निधि को बढ़ाने के लिए जरूरी क़दमों की सिफारिश करना होता है ।
  • राष्ट्रपति द्वारा जारी की गई कोई अन्य विशिष्ट निर्देश, जो देश के सुदृढ़ वित्त के हित में किया जा रहा हो |

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वित्त आयोग के सदस्यों की निर्धारित अर्हताएँ –

  • ऐसे व्यक्ति को ही अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया जाता है जो लोक मामलों की पूरी तरह की जानकारी रखता हो |
  • जो अन्य चार सदस्य ऐसे नियुक्त किये जायेंगे जिनमें उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने की अर्हता हो या फिर उन्हें प्रशासन व वित्तीय मामलों की विशेष जानकारी रखते हो या फिर अर्थशास्त्र का विशिष्ट ज्ञान रखते हो |

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अब तक के वित्त आयोग के अध्यक्ष की सूची

वित्त आयोग नियुक्ति वर्ष अध्यक्ष का नाम कार्यकाल
पहला 1951 केसी नियोगी 1952-1957
दूसरा 1956 के संथानाम 1957-1962
तीसरा 1960 एके चंद्रा 1962-1966
चौथा 1964 डॉ पीवी राजमन्ना र 1966-1969
पांचवां 1968 महावीर त्या गी 1969-1974
छठा 1972 पी ब्रह्मानंद रेड्डी 1974-1979
सातवां 1977 जेपी सेलट 1979-1984
आठवां 1982 वाई पी चौहान 1984-1989
नौवां 1987 एन केपी साल्वेग 1989-1995
10वां 1992 केसी पंत 1995-2000
11वां 1998 प्रो एएम खुसरो 2000-2005
12वां 2003 डॉ सी रंगराजन 2005-2010
13वां 2007 डॉ विजय एल केलकर 2010-2015
14वां 2012 डॉ वाई वी रेड्डी 2015-2020
15वां 27 नवंबर 2017 एन.के. सिंह 2020-2025

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वित्त आयोग के संवैधानिक प्रावधान

  • वित्त आयोग को भारतीय संविधान के आर्टिकल 280 और 281 के तहत संविधान में उल्लेखित किया गया है।
  • वित्त आयोग (Finance Commission) एक अर्द्धन्यायिक एवं सलाहकारी निकाय होता है, जो देश की वित्तीय सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है |

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यहाँ पर हमनें वित्त आयोग (Finance Commission) के बारें में जानकारी दी| यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है, और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे पोर्टल kaiseinhindi.com पर विजिट करते रहे |

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